यह मेरे ब्लॉग लेखन का अर्ध-शतक है अर्थात पचासवां किस्सा | यद्यपि यह कोई इतनी बड़ी उपलब्धि भी नहीं जिसके लिए हाथ में झंडा लेकर छत पर चढ़ कर बाकायदा ढिंढोरा पीटा जाए कि सुनो ... सुनो मेरे प्यारे मित्रो, मैंने बहुत बड़ा तीर मार लिया है |
मुनियादी सुनिए गौर से, फिर बात कीजिए और से |
पर एक तरह से देखा जाए तो आज मैं बहुत ही विनीत भाव से धन्यवाद देना चाहूँगा अपने उन सभी पाठक मित्रों का जिन्होंने मेरे जैसे नौसीखिए ब्लॉगर को हर तरह से प्रोत्साहित किया, समय-समय पर बहुत अच्छे सुझाव भी दिए | इन पाठक दोस्तों में बहुत से वे थे जो नियमित रूप से हर कहानी, किस्से, लेख को बहुत ही आनंद से पढ़ते थे, अपनी प्रतिक्रया भी देते थे जो कि मेरे लिए एक टॉनिक का काम करती थी | ऐसे सभी दोस्तों के नाम मेरे ज़हन में बहुत ही गहराई तक अंकित हैं | ये पाठक भारत से लेकर दूर-दूर के देशों तक से हैं | इस अर्ध-शतक के सफ़र में उन सभी कहानियों के जीते-जागते पात्रों को भी सलाम जिनकी प्रेरणादायक जीवन गाथा से हम सभी को बहुत कुछ सीखने को मिला | ऐसे नामों की एक लम्बी फेहरिस्त है जैसे अध्यापन की दुनिया के प्रोफ़ेसर डा० वीर सिंह, खरगोश मित्र डा ० चन्द्रभान आनंद, संगीत की दुनिया के चाहत-सौरभ की जोड़ी , दूर अलवर के मेडीकल कालेज से जल्द ही डाक्टर बन कर निकालने वाली श्रंखला पालीवाल, बच्चे-बड़ों सभी को खिलौना रेलगाड़ी में सैर कराने वाले अनिल भैय्या, भारतीय सेना के शूर - वीर स्व० ले० कर्नल एच. सी. शर्मा | इन सब के जीवन संघर्ष को पढ़ कर ही शरीर में एक नई ऊर्जा का जन्म होता है |
अब आइये आज के विचार पर | पढ़ने की आदत धीरे-धीरे हम सभी में धीरे-धीरे कम होती जा रही है | सबके पास समय की कमी है | किताबों की दुनिया लगभग विलुप्त होने के कगार पर है | मैं एक सुझाव देना चाहता हूँ : कम से कम वे सभी प्रबुद्ध पाठक जो पढ़ने के प्रति थोड़ा-बहुत गंभीर हैं, उन्हें जो भी अच्छा लेख, साहित्य, कविता, कहानी मन को छू लेने वाली मिलती है, उसे अन्य ऐसे सुधि पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास करें जिन्हें भाषा और साहित्य से प्रेम है | इसी सन्देश के साथ हर व्यक्ति ज्यादा नहीं, केवल तीन-चार गंभीर पाठकों तक भी ऐसी रचनाओं को पहुंचा देता है तो समझ लीजिए इस व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्वीटर की हवाई दुनिया में रहते हुए हम कुछ गंभीर और सार्थक योगदान कर रहे हैं | इसी छोटे से अनुरोध के साथ एक बार फिर आपका हार्दिक अभिनन्दन | जल्दी ही फिर मिलते हैं किसी नए किस्से-कहानी के साथ |
आपका बातूनी मित्र
😄 मुकेश कौशिक 😄
बहुत बहुत बधाई मेरे दोस्त लिखते रहो ।
ReplyDeleteधन्यवाद बंधु 🙏🙏 मैं लिखता रहूंगा , आप पढ़ते भी रहिए और आगे प्रसारित भी करते रहिए । 🌝
DeleteGood Evening Uncle !! Reading and wring are the two sides of same coin. Its Always amazing to see your stories. I feel these stories are realistic, inspiring and encouraging. WRITING is a spirit, skill, art and science that needs a different outlook that's the passion!! I find your stories lively and loving ones. KEEP IT UP AND STAY BLESSED !!💐💐!!
ReplyDeleteThanks Ved ji for such a wonderful analysis of writing skills. Your logical feedback has always been source of encouragement .
DeleteCongratulations for half century wish you many many blogs keep writing as who reads enjoys others miss something. Abhi to half century Mari hai age ki tayeaary hai
ReplyDeleteMany congratulations 🎉 for the silver jubilee. Thoroughly enjoyed your blogs. Keep writing and keep inspiring 😄
DeleteMy humble thanks . I too enjoyed your feelings. 🌝🙏
DeleteMany more to come..... Keep writing sir
ReplyDeleteThanks Vipin ji . 🙏🙏
Deleteखुशनुमा तस्वीर ढोल बजाते हुए,और हो भी क्यों ना?अपनी लेखनी की स्वर्णिम जयंती की। ज़िन्दगी बहुत छोटी है इसलिए हर पल इसका आनंद लीजिए ।वैसे ख़ुशी छोटी या बड़ी नहीं होती, ख़ुशी तो बस ख़ुशी होती है। बहुत बहुत बधाई । बस ऐसे ही अपनी लेखनी द्वारा हम सबका मनोरंजन करते रहें ।
ReplyDeleteखुशनुमा तस्वीर ढोल बजाते हुए,और हो भी क्यों ना?अपनी लेखनी की स्वर्णिम जयंती की। ज़िन्दगी बहुत छोटी है इसलिए हर पल इसका आनंद लीजिए ।वैसे ख़ुशी छोटी या बड़ी नहीं होती, ख़ुशी तो बस ख़ुशी होती है। बहुत बहुत बधाई । बस ऐसे ही अपनी लेखनी द्वारा हम सबका मनोरंजन करते रहें ।
ReplyDeleteआपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार । 🙏🙏🙏 जीवन के नजरिए को आपने बिल्कुल सही पहचाना ।
DeleteCongratulations for the golden accomplishment. Your stories are inspiring and the style of writing touches every reader's heart.
ReplyDeleteThanks for appreciation n encouragement.
Deleteढोल वाले दोस्त ब्लॉग लिखने की गोल्डन जुबली पर हृदय से बधाई। आशा करता हूँ कि अपनी इस काबिलियत को ओर उंचाईयों तक ले जाओगे। मेरी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteधन्यवाद बंधु । समझ लीजिए मैं आपको धन्यवाद भी ढोल नगाड़े पीट कर ही दे रहा हूं। 😀😀
DeleteBadhaiyan Mukesh for the Golden Jubilee blog. Keep flying high with your stupendous ideas and imitating philosophy.
ReplyDeleteधन्यवाद वीर 🙏🙏 आपके जैसे विद्वान पाठक हों तो एक बारगी तो हम जैसों की कलम भी कांप जाती है । 😀😀😀
Deleteसप्रेम बधाई. पूर्ण शतक हेतु शुभकामनाएं.
ReplyDeleteहार्दिक आभार नारायण भाई 🙏🙏👌
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई आपको।आगे भी लिखते रहिए और अपनी लेखनी से सबका मनोरंजन करते रहिए ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार 🙏🙏🙏
DeleteCongratulations your writing is fully professional and we have fully enjoyed. Pray God give you strength to reach new heights
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