Thursday 19 December 2019

📢प्रेम की भाषा 📢

सुनो कहानी : प्रेम की भाषा 📢

बात ज्यादा पुरानी भी नहीं है । रोज़ की तरह अपने सदाबहार पालतू कुत्ते चंचल चंपू को घर के सामने के पार्क में सैर करवा रहा था । आप यह भी कह सकते हैं कि इसी बहाने खुद भी मार्निंग-वाक कर रहा था । पार्क के कोने की दीवार के साथ ही गड्ढेनुमा सुरंग बनी हुई थी । उस खोह में दो प्यारे-प्यारे पिल्ले रहते थे जो अक्सर खेलते-कूदते कभी-कभार बाहर भी नज़र आ जाते थे । उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ । मुझे देखते ही वो पिल्ले थोड़ा डरते थोड़ा सहमते मेरी ओर खेलने के लिए दुम हिलाते आगे बढ़ते और फिर डर कर वापिस लौट जाते । दूर से यह खेल देख रहे मेरे कुत्ते चंपू को लगा कि अब उसे अपनी चौधराहट या दादागिरी दिखाने का समय आ गया है । तुरंत ही उसने दूर से ही मेरे और उन पिल्लों की ओर गुर्राते हुए दौड़ लगा दी । मुझे चंपू की आदत का अच्छी तरह से पता है- शायद उसी को देख कर किसी ने यह कहा होगा कि जो भौंकते हैं वे काटते नहीं हैं । जब तक चंपू की दौड़ उन पिल्लों तक आकर समाप्त होती, उससे पहले ही उस पूरे सीन में ना जाने कहाँ से उन पिल्लों की माँ की अचानक एंट्री हो जाती है । वह थी कजरी, जो है तो कमज़ोर शरीर पर बहादुरी में किसी से कम नहीं । अपने पिल्लों पर तनिक सा भी खतरा महसूस होने पर वह कई लोगों के हाथ-पैरों में अपने नुकीले दांतों के इंजेक्शन बहुत ही कुशलता से लगाने का रिकार्ड कायम कर चुकी है । लेकिन यहाँ क्योंकि मैं और मेरे साथ चंपू -दोनों ही कजरी की अपनी ही टीम के मेम्बर रहें हैं तो उसके द्वारा हमारे इंजेक्शन वाले इलाज़ का तो सवाल ही नहीं उठता था । दौड़ लगाती कजरी सीधे आकर चंपू के रास्ते में ही सीधे कमर के बल लेट गई । इस तरह उसने न केवल रास्ता रोका बल्कि अपनी दुम हिलाते हुए बहुत ही अनुरोध भरी अपनी ही भाषा और इशारों से चंपू को समझा दिया कि मेरे बच्चों को परेशान मत करो । 
कजरी और  उसके बच्चे 
कई बार इंसान बेशक प्यार की भाषा ना समझे पर जानवर जरूर समझ जाते हैं । यहाँ भी कुछ ऐसा ही हुआ – कुछ देर पहले तक अपने आप को फिल्म दबंग का सलमान खान समझने वाले चंपू पर कजरी के शांत और स्नेह से भरी अनुनय-विनय का ऐसा असर हुआ कि तुरंत ही शाहरुख खान की तरह निहायत शरीफ़ बंदे की शक्ल में बदल गया । यह सब दृश्य मैं बहुत ही अचंभे से देख रहा था - एक माँ के अपने बच्चों के प्रति सुरक्षा की भावना जिसके लिए चाहे कटखना इंजेक्शन लगाना पड़े या प्रेम से समझाना पड़े ।

3 comments:

  1. छोटी सी सिम्पल कहानी ने बहुत सी बड़ी बड़ी बातें सिखा दी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. Shikhne bala har tarha se shikhne ki kosish karta h sahi bolaa apne

      Delete
  2. Aap sir,bahut bade writer hai bahut aachee shikh milti hai

    ReplyDelete