कौशिक की कलम से

Every living creature and place is a story in itself. दुनिया की हर शानदार जगह और जानदार इंसान अपने आप में एक दमदार कहानी समेटे है | जरूरत है एक पारखी नज़र की |

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Tuesday, 19 May 2020

आफ़त का बंदर

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कॉलेज के दिनों  की याद  दुनिया में आफ़त तीन तरह की होती हैं – पहली वह जिसे आप खुद बाकायदा न्योता देकर बुलाते हैं कि आ बैल मुझे मार ।...
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Saturday, 9 May 2020

खुराफ़ाती सफ़र

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आम इंसान की फितरत में ही कुछ ऐसी बात है कि अपने को किसी भी तुर्रमखां से कम नहीं समझता । कुछ तो ऐसे होते हैं कि अपनी शेखी बघारने के चक्कर म...
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Friday, 1 May 2020

ज्ञान की गंगा

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क्या बताऊँ अपने दिल के दर्द को । परेशान हूँ पिछले एक महीने से । दिमाग है कि काम ही नहीं करता । हाल बिल्कुल फिल्मी गानों के मुखड़ों जैसा हो ...
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Thursday, 9 April 2020

कौआ कान ले गया

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मुझे नहीं पता आपमें से कितनों ने यह कहावत सुनी है – “कौआ कान ले गया”। एक शख्स को किसी शरारती बंदे ने आकर डरा दिया कि तुम्हारा कान कौ...
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Monday, 30 March 2020

मैँ शर्मिंदा हूँ

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कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है कि आप कुछ ऐसा लिख जाते हैं जिसे कुछ समय बाद आप जब खुद पढ़ते हैं और ठंडे दिमाग से समझते हैं तो लगता है यह मैं ...
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Thursday, 5 March 2020

गुंजन की गूंज

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कहानी का ऑडियो संस्करण  यूट्यूब पर देखने के लिए नीचे ➤ के निशान पर क्लिक करें  कविता एक ऐसा झरना है जो पहाड़ की किसी भी चोटी से, जंगलों...
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Thursday, 27 February 2020

नया सवेरा : मंजु पालीवाल

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“आप क्या लेना पसंद करेंगी ?” – मीठी आवाज में ये शब्द सुनते ही मैं अचानक जैसे अचकचा कर मानों नींद से ही जाग गई । सामने स्मार्ट एयर हो...
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Mukesh Kaushik
Noida, UTTAR PRADESH, India
Education in diversified disciplines of Science, Management , Law . Worked in Public Sector engaged in manufacture and marketing of cement . Presently relishing peaceful retired life after rendering 38 years hectic service in the area of HR and Marketing across the country . Have good ears for music and sharp eyes for literature .
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