Tuesday, 23 April 2019

अजब तेरी दुनिया - अजब तेरे खेल

मनसा देवी मंदिर - हरिद्वार 
सच मानिए ,यह ज़िंदगी और यह दुनिया इतने चमत्कारों से भरी हुई है कि आप गिनते-गिनते थक जायेंगे पर उस ऊपर वाले की जादूगरी ख़त्म होने का नाम नहीं लेगी | कई ऐसी-ऐसी घटनाएं इस जीवन में हो जाती हैं जो समय के साथ भी कभी भी धुंधली नहीं पड़ती | आप उन चमत्कारी घटनाओं को सारी जिन्दगी बस सोचते ही रह जाते हैं कि ऐसा कैसे हो गया | आप हमेशा के लिए अपनी खोपड़ी खुजाते रह जाते हैं पर यह जटिल पहेली अनसुलझी ही रह जाती है| आज ऐसी ही एक अजीबोगरीब घटना से आपका परिचय कराने जा रहा हूँ जिसे सुनकर आप भी एक बार उस ईश्वरीय शक्ति के बारे में सोचने को मजबूर हो जायेंगे | 

तो यह बात है आज से लगभग बीस-बाईस साल पुरानी | उन दिनों मेरी तैनाती हिमाचल प्रदेश में थी | हरिद्वार वहां से लगभग 2 घंटे की दूरी पर था | अक्सर छुट्टी के दिनों में परिवार सहित गंगा स्नान का कार्यक्रम बन जाता | बच्चे तब छोटे ही थे | रविवार का दिन था, हरिद्वार में मनसा देवी के दर्शन करने पहुँच गए | मेरे परिवार के साथ , एक घनिष्ट मित्र का परिवार भी था | मनसा देवी के मंदिर में दर्शन किए | मंदिर के प्रांगण के बाहर एक लम्बी से ढलानदार संकरी गली थी जिसकी किनारे पर साथ-साथ खाने-पीने के सामान की छोटी-छोटी दुकानें थी | इन हलवाई की दुकानों पर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भरपूर भीड़ रहती जो मंदिर की पूजा के बाद सीधे पेट-पूजा के लिए इन दुकानों पर टिड्डी-दल की तरह से हमला बोल देते | हमारे साथ भी ऐसा ही हुआ | मैं और श्रीमती जी तो मंदिर के गलियारे में ही रुक गए और मेरी बिटिया- साँची , जो उस समय यही कोई पांच वर्ष की होगी, मेरे मित्र परिवार के साथ ही गली पार हलवाई की दुकान पर चली गयी | वे कह कर गए थे कि आप कहाँ परेशान होंगें , यहीं रुकिए, हम खाने-पीने का सामान यहीं लेकर आते हैं , बाद में सब साथ बैठ कर खायेंगे | 

इस बीच में जब मित्र गली के दूसरी ओर हलवाई से सामान लेने में व्यस्त थे, मेरी बिटिया चुपचाप हमारे पास आने के लिए गली पार करने लगी | हम अभी तक बिलकुल अनजान थे कि अचानक बहुत जोरों से लोगों की चीख-पुकार और हल्ला-गुल्ला सुनकर उस गली की और झाँका | क्या देखते हैं कि उस संकरी से ढलवां गली में दस-पन्द्रह गायों का झुण्ड दौड़ लगाता आ रहा है | 

उस गायों के रेवड़ की चपेट में आने से बचने की कोशिश में लोग अपने आप को इधर –उधर कूद –फांद कर बचाने की कोशिश कर रहे थे | सब तरफ शोर-गुल और अफरा-तफरी का नज़ारा था | लोग गली के किनारे से ही घबरा कर कुछ इशारे भी कर रहे थे | अब हम भी अचानक एक अनजाने डर से अंदर तक काँप गए | गली में साँची का कहीं अता-पता नहीं था | बस नज़र आ रहा था तो वह भयानक गति से दौड़ता हुआ मवेशियों का झुण्ड | अब हम भी समझ चुके थे – साँची रेवड़ की चपेट में आकर नीचे गली में ही गिर चुकी थी जिसके ऊपर से वह रेवड़ उसके ऊपर से सरपट दौड़ता जा रहा था | साफ़ लगा कि बिटिया तो बस गयी राम जी के पास | घबराहट के मारे चक्कर सा आ गया, सारा खून  जैसे जम कर बर्फ हो चुका था | जितनी तेजी से वह रेवड़ दौड़ता हुआ आया , उतनी ही तेजी से वह रेवड़ दौड़ता हुआ निकल भी गया | देखा बीच गली में साँची ओंधे मुंह गिरी पड़ी थी | लोगों ने तुरंत दौड़ उसे कर गोद में उठाया |अब तक हम भी दौड़ कर वहां पहुँच चुके थे | साँची बुरी तरह से घबराई हुई और चीखें मार कर रोये जा रही थी | झपट कर तुरंत अपनी गोदी में लेते ही उसकी चोटों का मुआयना किया | पर यह क्या , शरीर पर तो एक भी खरोंच का निशान भी नहीं था | आँखों को मानो यकीन ही नहीं हो रहा था | फिर दोबारा से ध्यान से देखा कि कहीं अंदरूनी चोट तो नहीं , कोई हड्डी तो नहीं टूटी | सब कुछ सही सलामत पाकर जान में जान आयी | सब से बड़े अचम्भे की बात यही कि इतनी रफ़्तार में इतना बड़ा मवेशियों का झुण्ड ऊपर से गुजर जाने के बाद भी नन्हीं साँची को हल्की सी खरोंच भी नहीं आयी | कारण आज तक समझ नहीं आया | इतना अवश्य है कि सच्चे मन से प्रार्थना करने गए भगवान के मंदिर में जो इतना घोर संकट टल गया, उससे उस परम पिता परमेश्वर के प्रति आस्था और मजबूत हुई | और हाँ , शायद उन भागते हुए मवेशियों में भी इतना ज्ञान और संवेदना मौजूद थी जिन्होनें अपने पांवों की एक भी टाप, उस अबोध छोटी सी बच्ची के शरीर पर नहीं पड़ने दी| गलत नहीं होगा अगर मैं कहूँ कि उस समय ईश्वर की सम्पूर्ण शक्ति उन मवेशियों में उतर आयी थी जिसके कारण साँची के प्राण बच सके |

5 comments:

  1. Always believe in God and he helps in your all deeds.

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  2. Hemlata Kaushik23 April 2019 at 16:11

    आज भी जब वह दृश्य याद आता है,सच में अन्दर तक रूह कांप जाती है ।कोई अदृश्य शक्ति ही थी जिसने उस क्षण रक्षा की । हेमलता कौशिक

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  3. Have total faith on God Almighty then all worries will vanish.

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  4. जाको राखे साइयां मार सके ना कोई।

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  5. Miracles happen. Faith in God strengthens it.

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