कौशिक की कलम से

Every living creature and place is a story in itself. दुनिया की हर शानदार जगह और जानदार इंसान अपने आप में एक दमदार कहानी समेटे है | जरूरत है एक पारखी नज़र की |

▼
Tuesday, 30 June 2020

गयी भैंस पानी में

›
बात ज्यादा दिन पुरानी नहीं है जब आपको एक किस्सा सुनाया था अपने एक मित्र – जगजीवन प्रसाद यादव उर्फ जे पी की गाँव से जुड़ी यादों का ।पुरानी...
4 comments:
Tuesday, 9 June 2020

आम का बाग - गाँव की याद और जगजीवन प्रसाद यादव

›
अभी कुछ दिनों पहले की ही बात है गर्मी अपने पूरे जोर पकड़ चुकी थी । ठंडे पानी के लिए फ्रिज का सहारा लेना शुरू किया । लेकिन बात कुछ बनी नहीं ...
3 comments:
Tuesday, 19 May 2020

आफ़त का बंदर

›
कॉलेज के दिनों  की याद  दुनिया में आफ़त तीन तरह की होती हैं – पहली वह जिसे आप खुद बाकायदा न्योता देकर बुलाते हैं कि आ बैल मुझे मार ।...
2 comments:
Saturday, 9 May 2020

खुराफ़ाती सफ़र

›
आम इंसान की फितरत में ही कुछ ऐसी बात है कि अपने को किसी भी तुर्रमखां से कम नहीं समझता । कुछ तो ऐसे होते हैं कि अपनी शेखी बघारने के चक्कर म...
8 comments:
Friday, 1 May 2020

ज्ञान की गंगा

›
क्या बताऊँ अपने दिल के दर्द को । परेशान हूँ पिछले एक महीने से । दिमाग है कि काम ही नहीं करता । हाल बिल्कुल फिल्मी गानों के मुखड़ों जैसा हो ...
5 comments:
Thursday, 9 April 2020

कौआ कान ले गया

›
मुझे नहीं पता आपमें से कितनों ने यह कहावत सुनी है – “कौआ कान ले गया”। एक शख्स को किसी शरारती बंदे ने आकर डरा दिया कि तुम्हारा कान कौ...
7 comments:
Monday, 30 March 2020

मैँ शर्मिंदा हूँ

›
कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है कि आप कुछ ऐसा लिख जाते हैं जिसे कुछ समय बाद आप जब खुद पढ़ते हैं और ठंडे दिमाग से समझते हैं तो लगता है यह मैं ...
6 comments:
‹
›
Home
View web version

About Me

My photo
Mukesh Kaushik
Noida, UTTAR PRADESH, India
Education in diversified disciplines of Science, Management , Law . Worked in Public Sector engaged in manufacture and marketing of cement . Presently relishing peaceful retired life after rendering 38 years hectic service in the area of HR and Marketing across the country . Have good ears for music and sharp eyes for literature .
View my complete profile
Powered by Blogger.